नई दिल्ली, 08 दिसंबर। Ethics Committee Report : जोरदार हंगामे के बीच आखिरकार शुक्रवार को लोकसभा में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म करने का प्रस्ताव पास हो गया और प्रस्ताव पास होने के साथ ही महुआ की संसद सदस्यता भी रद्द हो गई। इससे पहले लोकसभा में इस मुद्दे पर जोरदार बहस हुई। विपक्ष ने इस प्रस्ताव को लेकर 3 गंभीर सवाल उठाए, जिनका बीजेपी ने एक एक करके जवाब दिया।
1. दरअसल, विपक्ष की तरफ से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया कि आखिर प्रस्ताव पास करने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है। आज ही 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आई है और 2 बजे इस पर चर्चा शुरू कर दी गई। इस पर महाराष्ट्र से बीजेपी सांसद हिना गावीत ने कहा कि उन्होंने इन दो घंटों में पूरी रिपोर्ट पढ़ ली है। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है कि किस तरह महुआ ने अपना संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड किसी और को दे दिया। इसलिए प्रस्ताव पर चर्चा एकदम ठीक समय पर की जा रही है।
2. विपक्ष की तरफ से टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने यह सवाल किया कि आखिर जिस शख्स (महुआ मोइत्रा) पर आरोप लगे हैं। उन्हें अपनी सफाई पेश करने का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है। इस पर बीजेपी सांसद और केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कैश फॉर क्वेरी के ही एक मामले में साल 2005 में दस सांसदों को निष्काषित किया गया था। उस समय भी किसी सांसद को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया और जल्दबाजी में उसी दिन सभी पर कार्रवाई कर दी गई थी।
3. तीसरा सवाल विपक्ष की तरफ से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने किया। उन्होंने पूछा कि अगर इस मुद्दे पर आज चर्चा की जानी थी और प्रस्ताव आना था तो राजनैतिक दलों ने अपनी पार्टी के सांसदों को तीन लाइन का व्हीप क्यों जारी किया। मनीष तिवारी ने यह भी कहा कि इससे ऐसा लग रहा है कि जैसे किसी अदालत के जज को कोई फैसला लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस पर जवाब देते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि यह संसद है कोई अदालत नहीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सदन को अदालत कहकर संबोधित ना किया जाए।
3-4 दिन की मोहलत दी जाए : अधीर रंजन
संसद में चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महुआ पर जो रिपोर्ट आई है, उसमें 106 पेज हैं। एनेक्सर मिलाकर 495 पेज हैं। कोई इंसान इतनी जल्दी यानी दो घंटे में इतनी बड़ी रिपोर्ट को कैसे पढ़ सकता है। उन्होंने कांग्रेस की तरफ से मांग की कि इस पर चर्चा के लिए 3-4 दिन की मोहलत दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी के खिलाफ कोई शिकायत है तो उन्हें बोलने का मौका भी मिलना चाहिए।
महुआ का पक्ष भी जानना चाहिए : मनीष तिवारी
पंजाब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि बारह बजे पटल पर रिपोर्ट रखी जाती है और दो बजे उसकी बहस रख दी जाती है। आसमान नहीं गिर जाता अगर तीन चार दिन दे दिए जाते और हम रिपोर्ट को पढ़कर अपनी बात सदन में रख पाते। उन्होंने आगे कहा कि मीडिया रिपोर्ट में यह बात निकलकर सामने आई कि जिन पर आरोप लगाए गए हैं। उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। जबकि, जिस पर आरोप लगाए जाते हैं, उसे अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार दिया जाना चाहिए। एथिक्स कमेटी यह सिफारिश तो कर सकती है कि कौन गुनाहगार है और कौन निर्दोश है, लेकिन कमेटी यह सिफारिश नहीं कर सकती कि उसे क्या सजा दी जानी चाहिए।
जब ओम बिरला ने पूछा- क्या आप कोर्ट में बहस कर रहे हैं?
सदन में चर्चा के दौरान स्पीकर ओम बिरला ने मनीष तिवारी से पूछा कि आप संसद में बहस कर रहे हैं या कोर्ट में? इस पर मनीष तिवारी ने कहा कि यह संसद कोर्ट ही है। जवाब में ओम बिरला ने कहा कि यह अदालत नहीं बल्कि संसद है। मनीष तिवारी ने फिर कहा कि आज हम संसद के रूप में नहीं बैठे हैं। हम ज्यूरी के तौर पर यहां मौजूद हैं. जब राजनीतिक दल ने व्हीप जारी किया तो इसका मतलब सदस्यों को यह आदेशित किया जा रहा है कि उन्हें क्या फैसला लेना है।
47 बार दुबई से लॉग इन हुआ महुआ मोइत्रा का अकाउंट
चर्चा के बीच महाराष्ट्र से बीजेपी सांसद हिना गावीत ने कहा कि 2005 में यूपीए की सरकार थी। कैश फॉर क्यूरी मामले में एक ही दिन रिपोर्ट आई थी और उसी दिन 10 सांसदों को निकाला गया था। उन्होंने आगे कहा,’जिन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगा है, उनकी कंपनी का इंट्रेस्ट मुख्य रूप से पांच सेक्टर्स में है। जिनमें टेलीकॉम, शिपिंग, पेट्रोलियम, रियल एस्टेट और पाइपलाइन शामिल है।
जब से महुआ मोइत्रा इस सदन की सदस्य बनी हैं, तब से लेकर अब तक उन्होंने 61 सवाल पूछे हैं। इनमें से 50 प्रश्न इन्ही पांच सेक्टर्स से जुडे़ हुए हैं। 47 बार दुबई से महुआ मोइत्रा का अकाउंट लॉगइन हुआ है। इसके अलावा 6 बार यूके, यूएस और नेपाल से लॉगइन करके सवाल अपलोड किए गए हैं। महुआ मोइत्रा ने खुद यह बात स्वीकार की है कि उन्होंने हीरानंदानी और उनकी कंपनी को आईडी पासवर्ड दिया था।
पूरे देश में सांसदों की छवि हो रही धूमिल : हिना गावीत
हिना ने आगे कहा कि एथिक्स कमेटी (Ethics Committee Repor) के सामने उन्हें (महुआ) अपनी बात रखने का मौका मिला। हीरानंदानी ने खुद एक एफीडेविट इंडियन एंबेसी के डिप्टी काउंसिल के सामने शपथ लेकर दिया है। यहां बार-बार जो बात हो रही है। जांच में भी यह सामने आया है कि एक ही दिन में महुआ का अकाउंट दिल्ली, दुबई, बैंगलुरु और यूएस में लॉगइन हुआ है। इससे देशभर में सभी सांसदों की छवि धूमिल हो रही है। लोगों को लग रहा है कि सांसद खुद सवाल नहीं पूछ सकते, वह खुद भाषण नहीं दे सकते। उन्हें कोई और लिखकर देता है और अगर कोई उन्हें पैसे दे दे तो वे उसके बदले सवाल भी पूछ लेते हैं।